लेख इयर कविता प्रतियोगिता- 9) कालाबाजार
कविता का शीर्षक- कालाबाजार
कालाबाजारी कौन करता है
हम में से ही कुछ लोग करते हैं।
जिनके लिए पैसा सर्वस्व होता है,
भवनाओं का, रिश्तों का न कोई मोल होता है।
लोगों की मजबूरी का फायदा उठाना
यही इनके जीवन का ध्येय होता है।
यह जीवित लोगों का ही नहीं,
शवों का भी सौदा करते हैं।
चन्द रुपयों की एवज में
यह पराये ही नहीं, अपने रिश्तों का भी खून करते हैं।
कभी अनाज, तो कभी दवाइयां
कभी सैनिटाइजर तो कभी मास्क,
कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलिंडर तक की
दलाली भी करते हैं।
मनुष्य के चोले में नरपिशाच हैं यह
कालाबाजारी के द्वारा
यह जरूरतमन्दों का खून पिया करते हैं।
जब तक लालच रहेगा सीने में
तब तक कालाबाजारी जीवित रहेगी।
लोग मारते रहेंगे यूँ ही
और कालाबाजारियों की जेब भरती रहेगी।
❤सोनिया जाधव
Seema Priyadarshini sahay
18-Feb-2022 11:59 PM
बहुत खूबसूरत
Reply
Ali Ahmad
18-Feb-2022 01:40 PM
Nice...
Reply
Ekta shrivastava
18-Feb-2022 12:20 PM
Bahut achhi rachna
Reply